शैलेश मटियानी :लिखना एक आहट पैदा करना है
शैलेश मटियानी को हमारे बीच से गये हुए छह साल पूरे हो चुके हैं। लगता है जैसे कल की बात हो। तमाम संघर्षो तथा दु:श्चिंताओं के बावजूद आखिरी समय तक जैसा कि वे लेखन के बारे में कहा करते थे,” कागज पर खेती” करते रहे। उनकी कहानियों पर टिप्पणी करते हुए राजेंद्र यादव ने स्वीकार [...]